Thursday, 23 February 2017

APPEAR PANCHSHEEL EXAMS -START WRITING.


पंचशील परीशा का सबसे मुश्किल भाग

जब कई सालों पहले सद्गुरु श्री अनिरुद्ध बापू ने माइक हाथ में लेकर कहा था कि अभी पंचशील परीक्षा क्लास रूम में ना होते हुए एक पेपर में प्रत्यक्ष में आएगी।और प्रत्यक्ष से हर इंसान को हो परीक्षा देने का अवसर प्राप्त होगा ।तब सारे श्रद्धावान भक्तों ने बहुत सारी तालियां बजाई थी।
 उसके बाद बापू मुस्कुराए और बापू ने कहा कि" यह एक मुश्किल काम है ।अभी आपको समझ में नहीं आ रहा है ।"
लेकिन इतने सालों के बाद अभी हमें समझ में आ रहा है वह मुश्किल क्या है ।
जब परीक्षा क्लास रूम में होती थी तब हमारा कर्म स्वातंत्र्य हमारे सतगुरु के हाथों में होता था और 3 घंटे बैठकर हम पूरा मन लगाकर परीक्षा देते थे ।
लेकिन अब यहां परीक्षा घर में अपने खुद के कर्म स्वतंत्र के अंदर आ गई है।
 तो यह और भी मुश्किल हो गया है।
 लगभग 20- 21 दिन का वक्त हमें मिलता है परीक्षा लिखने का लेकिन मन में अनेक संकल्प और विकल्प आते रहते हैं ।
जब पेपर आता है तब हमें लगता है कि इस बार हम बहुत ज्यादा लिखेंगे ।
लेकिन धीरे धीरे कल लिखेंगे परसों लिखेंगे करते करते वक्त निकलते जाता है और हम सोचते हैं अभी लिखेंगे अभी लिखेंगे और फिर आखिर में हमें लगता है कि अभी कम वक्त में कैसे लिखे ।
इसलिए यह परीक्षा और भी मुश्किल हो जाती है।
 हमें अगर परीक्षा लिखनी है तो हमें सबसे पहले एक महत्वपूर्ण काम करना बहुत जरूरी है वह है पेपर और पेन हाथ में लेकर लिखना चालू कर देना।
 हमें वक्त का बराबर से विभाजन करना चाहिए।
 कितना वक्त कौन से प्रश्न को लगेगा यह हमे बराबर देखना चाहिए और जितना जल्दी हो सके उतना परीक्षा लिखना चालू कर देना चाहिए ।
हमें लगता है कि हमें डिस्टिंक्शन मिलना चाहिए विशेष प्राविण्य मिलना चाहिए क्रमांक आना चाहिए। लेकिन हम उतना परिश्रम नहीं करना चाहते ।हमारा परिश्रम कम पड़ जाता है और फिर उसके वजह से हमें मार्क्स कम होते हैं ,या हम परीक्षा नहीं देते ।
फिर अगले साल फिर से हम यही गलती दोहराते जाते  हैं ।
तो हमें अभी सतर्क हो ओ जाना जरूरी है हमें जल्द से जल्द और पेपर लेकर परीक्षा लिखना चालू कर देना चाहिए।
 हरि ओम श्री राम अंबज्ञ

डॉ निशिकांत सिंह विभुते

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